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Wednesday, October 3, 2018
Wednesday, February 10, 2010
Tuesday, January 12, 2010
Friday, January 8, 2010
अतिक्रमण
अतः संबंधित विभाग को ऐसा कोई भी कार्य करता हुआ पाये जाने पर, कानूनसम्मत जुर्माना लगाकर आयोजकों को निर्धारित स्थान पर ही किसी भी प्रकार का आयोजन करने के लिये बाध्य करने की आवश्यकता है ।
Friday, December 11, 2009
जरा सोचिये
''हाल-बेहाल, चिट्ठियां खा रही है गायें'' ( दैनिक भास्कर, दिनांक 11/12/09) पढ़ा।
http://www.bhaskar.com/2009/12/11/091211015123_lots_cows.html
मैं सोचता था गायें केवल पोलिथीन ही खाती हैं ।
जिम्मेदार कौन ?
http://www.bhaskar.com/2009/12/11/091211015123_lots_cows.html
मैं सोचता था गायें केवल पोलिथीन ही खाती हैं ।
जिम्मेदार कौन ?
Wednesday, November 25, 2009
गुब्बारा
‘गुब्बारे को बताया उडनतश्तरी’ खबर ने मुझे दूसरे खतरनाक गुब्बारे के बारे मे सोचने को मजबूर कर दिया शायद जिसकी तरफ सरकार का कम ही ध्यान है, और वह है बढ़ती जनसंख्या का फूलता हुआ गुब्बारा ।
जब यह फूटेगा तो क्या होगा ?
जब यह फूटेगा तो क्या होगा ?
Friday, November 13, 2009
अपेक्षा
किसी ने सच कहा है, बोया पेड़ आक का, आम कहां ते होये। आजकल टीवी चैनलों में फूहड़ और अश्लील कार्यक्रमों की भरमार है जिन्हें बच्चों को दिखाकर, उनसे सुसंस्कृत व्यवहार, बडों का आदर, सम्मान आदि की अपेक्षा करना बेवकूफी है ।
बापू का परिहास
यह बाल–स्वभाव ही है जो किसी बालक के पास कोई विशेष खिलौना नही होने पर वह उस खिलौने से ही नफरत करने का झूठा दिखावा करने लगता है / गणतंत्र दिवस से पहले, एक टीवी चैनल द्वारा बापू का परिहास करने से मुझे कोई आश्चर्य नही हुआ बल्कि परेशानी तो तब हुई जब बापू की टूटी मूर्ति और मूर्ति के आसपास कचरे के ढ़ेर वाले चित्र अखबार में देखा / अखबारों में छपे चित्र एक सच्चे देशभक्त की आत्मा को शूल की भांति चुभते हैं और इसका दर्द हर कोई नही समझ सकता/
जिन अंग्रेजों ने हमारे देश पर 200 साल तक राज किया उनके पास अगर कोई कमी थी तो सिर्फ बापू की / जिस तरह महाभारत के युद्ध में कृष्ण पांडवों के साथ थे ठीक उसी तरह आजादी की लडाई में बापू हमारे साथ थे और यदि अंग्रेजों के पास बापू होते तो ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नही होता / बस उनकी यही कमी उन्हें आज भी टीसती है जिसे वे कभी–कभार टीवी और अन्य माध्यमों के द्वारा व्यक्त करते रहते हैं/ ऐसा कौनसा विदेशी होगा जो नही चाहता होगा कि काश बापू उनके देश में पैदा होते/ हमारे देश में पैदा होकर बापू ने विदेशियों को गर्व करने से वंचित कर दिया/ अब हमारे द्वारा बापू की निरंतर उपेक्षा और अपमान होते देख विदेशी शायद बापू से गुस्से में पूछना चाहते होंगे कि भारत में पैदा होने से क्या मिला, यदि पैदा ही होना था तो विदेश क्या बुरा था ?
आईये हम विदेशियों की इस सोच को गलत साबित करें और वादा करें कि बापू का कभी अपमान नही होने देंगे /
जिन अंग्रेजों ने हमारे देश पर 200 साल तक राज किया उनके पास अगर कोई कमी थी तो सिर्फ बापू की / जिस तरह महाभारत के युद्ध में कृष्ण पांडवों के साथ थे ठीक उसी तरह आजादी की लडाई में बापू हमारे साथ थे और यदि अंग्रेजों के पास बापू होते तो ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नही होता / बस उनकी यही कमी उन्हें आज भी टीसती है जिसे वे कभी–कभार टीवी और अन्य माध्यमों के द्वारा व्यक्त करते रहते हैं/ ऐसा कौनसा विदेशी होगा जो नही चाहता होगा कि काश बापू उनके देश में पैदा होते/ हमारे देश में पैदा होकर बापू ने विदेशियों को गर्व करने से वंचित कर दिया/ अब हमारे द्वारा बापू की निरंतर उपेक्षा और अपमान होते देख विदेशी शायद बापू से गुस्से में पूछना चाहते होंगे कि भारत में पैदा होने से क्या मिला, यदि पैदा ही होना था तो विदेश क्या बुरा था ?
आईये हम विदेशियों की इस सोच को गलत साबित करें और वादा करें कि बापू का कभी अपमान नही होने देंगे /
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