शादी, पार्टी के मौके पर बीच सडक में गढढ़े करना व टेंट लगाकर रास्ता रोक लेना भी अतिक्रमण का एक छोटा रुप है जो आजकल आम बात हो गई है। इससे राहगीरों को तो तकलीफ होती ही है साथ ही मौहल्ले में पढ़ने वाले बच्चों, बुजुर्गों को कई कई घंटों तक तेज आवाज में बजने वाले संगीत से काफी परेशानी भी होती है । आयोजक किसी की परेशानी की चिंता किये बगैर, अपनी चंद घंटों की मौज मस्ती के लिये पूरी सड़क का निरंकुश मालिक बन जाता है । आयोजन के बाद झूठे दोने, पत्तल, प्लास्टिक के ग्लास इत्यादि कचरों को सडक पर ज्यों का त्यों छोड दिया जाता है। क्या यह कार्य अपराध या नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में नही आता ?
अतः संबंधित विभाग को ऐसा कोई भी कार्य करता हुआ पाये जाने पर, कानूनसम्मत जुर्माना लगाकर आयोजकों को निर्धारित स्थान पर ही किसी भी प्रकार का आयोजन करने के लिये बाध्य करने की आवश्यकता है ।
No comments:
Post a Comment